मुख्यमंत्री के निशाने पर आ सकते हैं ठेकेदार और भ्रष्ट अफसर

मुख्यमंत्री के निशाने पर आ सकते हैं ठेकेदार और भ्रष्ट अफसर
बदायूं-बरेली मार्ग पर मानक के विपरीत बनाये गये डिवाईडर।
बदायूं-बरेली मार्ग पर मानक के विपरीत बनाये गये डिवाईडर।
बदायूं लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय युवा सांसद धर्मेन्द्र यादव के प्रयासों के चलते उत्तर प्रदेश सरकार के खजाने से बदायूं जिले को बड़ी रकम मिली है, जिससे जिले भर में कई सराहनीय विकास कार्य हुए हैं, लेकिन कई ऐसे कार्य भी हैं, जिनमें ठेकेदारों ने मोटी रकम का बन्दर बांट किया है। 23 मई को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस बरेली-बदायूं मार्ग का लोकार्पण करने पधार रहे हैं, उस मार्ग की गुणवत्ता में कमी के चलते शीघ्र ही उखड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। नव-निर्मित सड़क का मानक के अनुसार तकनीकी परीक्षण कराया जाये, तो बड़ा घपला सामने आयेगा, लेकिन कई घपले ऐसे हैं, जो आम जनता को खुलेआम नजर आ रहे हैं।
बदायूं लोकसभा क्षेत्र के सांसद धर्मेन्द्र यादव के प्रयासों के चलते शासन ने बरेली-बदायूं मार्ग के चौड़ीकरण की अनुमति दी थी, लेकिन ठेकेदार कंपनी ने जमकर मनमानी की है, जिससे सड़क मानक के अनुरूप नहीं बन सकी है। बजरी व कोलतार में बड़ा खेल किया गया है, साथ ही बदायूं से बरेली तक सड़क पूरी तरह समतल नहीं है, जिससे बरसात के दिनों में पानी सड़क पर ठहरेगा, तभी सड़क के शीघ्र ही उखड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
बदायूं-बरेली मार्ग पर मानक के विपरीत बनाये गये डिवाईडर।
बदायूं-बरेली मार्ग पर मानक के विपरीत बनाये गये डिवाईडर।
ठेकेदार कंपनी ने डिवाईडर बनाने में और भी बड़ा भ्रष्टाचार किया है। लगभग तीन-तीन फिट लंबे सीमेंट के टुकड़े एक ही जगह उपलों की भांति बनाये गये हैं, जिन्हें जेसीबी के द्वारा सड़क पर लाकर एक-दूसरे से सटा कर रख दिया गया है और टुकड़ों के जोड़ को रंग से ढकने का प्रयास किया गया है, जबकि नींव खोद कर सड़क के बीच में ही डिवाईडर बनाने चाहिए थे। नींव न होने के कारण हल्की सी टक्कर में ही डिवाईडर के टुकड़े दूर जा गिरते हैं, जो हादसे रोकने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं, साथ ही ऊंचाई कम होने के कारण रात में सामने से वाहन की रोशनी पड़ने के कारण दूसरी दिशा से जाने वाले वाहन स्वामी को डिवाईडर नजर आना बंद हो जाता है, जिससे हादसे की संभावना और बढ़ जाती है।
बदायूं-बरेली मार्ग पर मानक के विपरीत बनाये गये डिवाईडर।
बदायूं-बरेली मार्ग पर मानक के विपरीत बनाये गये डिवाईडर।
ठेकेदार कंपनी ने सड़क के किनारे मिटटी भी मानक के अनुरूप नहीं डाली है, जिससे सड़क से नीचे गाड़ी उतरते ही सीधे खाई में गिरने की संभावना बनी रहती है, इसके अलावा मार्ग बनाने से पहले हरे पेड़ काटे गये थे, लेकिन अभी तक सड़क के दोनों ओर पौधारोपण नहीं किया गया है। मनमानी और भ्रष्टाचार की शिकार सड़क का मुख्यमंत्री 23 मई को लोकार्पण करेंगे, लेकिन यह सब मुख्यमंत्री ने देख लिया, तो कंपनी के साथ कई बड़े अफसर नप भी सकते हैं। यहाँ यह भी बता दें कि मुख्यमंत्री बदायूं आने के बाद सड़क मार्ग से ही बरेली जायेंगे, ऐसे में उनके सामने सड़क का सच आ ही जायेगा।
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