भाजपा और कॉंग्रेस को नहीं मिल रहे अच्छी साख वाले प्रत्याशी

भाजपा और कॉंग्रेस को नहीं मिल रहे अच्छी साख वाले प्रत्याशी
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री सलीम इक़बाल शेरवानी।
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री सलीम इक़बाल शेरवानी।

बदायूं जिले में भाजपा और कॉंग्रेस की स्थिति एक समान ही नजर आ रही है। राष्ट्रीय दलों को विधान सभा चुनाव लड़ने लायक अच्छी साख रखने वाले स्थानीय प्रत्याशी नहीं मिल पा रहे हैं। भाजपा में दो नंबर का धंधा करने वाले हावी होते जा रहे हैं, वहीं कॉंग्रेस में गैर जिले के लोग हावी होते नजर आ रहे हैं, जिनकी कोई साख ही नहीं है।

भाजपा से चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति तो बहुत नजर आ रहे हैं, लेकिन अच्छी साख रखने वाले लोकप्रिय नेताओं ने दूरी बना रखी है। दो नंबर का धंधा करने वाले, चापलूस और स्थानीय नेताओं को रूपये देकर आगे बढ़ने वालों की भीड़ नजर आ रही है, ऐसे ही किसी खास गुण के चलते बसपा से आउट किये गये कुख्यात डी.पी. यादव के भतीजे जितेन्द्र यादव पल भर में भाजपा के वरिष्ठ नेता बन गये। भाजपा ने उन्हें सदस्यता के साथ विधान परिषद सदस्य का टिकट भी थमा दिया था, जिसको लेकर अभी तक तरह-तरह की चर्चायें हो रही हैं।

भाजपा से बिल्सी क्षेत्र का टिकट मांगने वालों में एक स्मगलर आज कल चर्चा के केंद्र में है। पिछले दिनों गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सुपुत्र पंकज सिंह बदायूं जिले में आये, तो मंच पर जाकर शॉल भी उड़ा आया और पत्रकारों को रूपये देकर अपना फोटो अख़बारों में भी छपवाने में कामयाब हो गया, ऐसे ही नेताओं के चलते भाजपा की छवि स्थानीय स्तर पर तार-तार हो गई है, तभी अच्छे लोग दूरी बनाये हुए हैं।

कॉंग्रेस का भी यही हाल है। कॉंग्रेस से तो ठीक-ठाक आदमी टिकट तक लेने को तैयार नहीं है। हालत इतनी खराब है कि गैर जिलों के लोग स्वयं को स्वयं ही प्रत्याशी घोषित करते नजर आ रहे हैं। कॉंग्रेस हाईकमान की ओर से टिकट की कोई सूची जारी नहीं की गई है, लेकिन गैर जिलों के अंजान लोगों ने बतौर विधान सभा प्रत्याशी स्वयं को घोषित कर चुनाव कार्यालयों तक का उद्घाटन कर दिया है। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री सलीम इक़बाल शेरवानी ने आज कार्यालयों का उद्घाटन भी किया, जिससे यह भी चर्चा होने लगी है कि कॉंग्रेस से कोई टिकट लेने वाला ही नहीं है, ऐसे में सलीम इक़बाल शेरवानी कमेटी को जिसका नाम बता देंगे, उसके नाम की घोषणा हो जायेगी।

सूत्रों का कहना है कि जिले का एक शातिर कॉंग्रेसी नेता एक-दो प्रत्याशी अपने चहेते को बनवा लेता है, क्योंकि पार्टी चुनाव लड़ने को बड़ी रकम देती है, सो वह रकम बाँट लेता है। पार्टी भले ही हार जाये, लेकिन हर चुनाव में उसे दस-बीस लाख का फायदा हो जाता है। सूत्रों का कहना है कि वह नेता सलीम इक़बाल शेरवानी का चमचा है, इसीलिए उनसे कार्यालयों का उद्घाटन कराया है, ताकि सलीम इक़बाल शेरवानी के सहारे चहेतों के टिकट भी निश्चित हो जायें। चर्चा यह भी है कि शेखूपुर विधान सभा क्षेत्र से सलीम इक़बाल शेरवानी अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारेंगे।

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