दादी की बूटी – जामुन

– जामुन और आम का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से मधुमेह के रोगियों को लाभ होता है।
– इसके पत्ते चबाने और गुठली पीस कर खाने से भी मधुमेह में लाभ होता है।
– गठिया के उपचार में भी जामुन बहुत उपयोगी है। इसकी छाल को खूब उबालकर बचे हुए घोल का लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में आराम मिलता है।
– इसमें उत्तम किस्म का शीघ्र अवशोषित होकर रक्त निर्माण में भाग लेने वाला तांबा पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
– यह रक्तहीनता तथा ल्यूकोडर्मा की उत्तम औषधि है।
– पाचनशक्ति मजबूत करने में जामुन काफी लाभकारी होता है।
– जामुन के पेड़ की छाल और पत्तियां रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर होती हैं।
– लिवर से जुड़ी बीमारियों के बचाव में जामुन रामबाण साबित होता है।
– जामुन का फल कैंसर से भी बचाव करता है।
इतना ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में जामुन खाने से शरीर में जकडऩ एवं बुखार होने की सम्भावना भी रहती है। इसे कभी खाली पेट नहीं खाना चाहिए और न ही इसके खाने के बाद दूध पीना चाहिए।

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